वादे तेरे किए हुए वादे हर बहते आंसुओं मे याद आते है। जाना तुमने तो झूठी मोहब्बत,झूठे वादे किए ते सच्ची मोहब्बत करने वाले ही हर दम टूट कर बिखेर जाते है। तम्हें कुछ और समझा,तुम कुछ और निकले मेरे खुशियों का गुलिस्तान उजड गया जब पता लगा तुम तो हर किसे के मोहाबब्त मे दीवाने निकले। हम वो गुलाब ते जो मुर्जा गए है। क्या फर्क़ पड्ता है उसके बाग मे तो बहुत सारे फूल और भी खिले हुए निकले। तुम करते रहे वादे नेता की तरह जो झूठे ते निभाने का वक़्त आया तो मुखर से गए । चलो छोडो सच्ची मोहब्बत तो मेरी थी झूठी मोहबब्त करने वाले ही इस दुनिया मे दिखावे के वफादार निकले। #वादे#December#Quotes#shayari#stories..