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अर्थानाम् अर्जने दु:खम् अर्जितानां च रक्षणे। आये द

अर्थानाम् अर्जने दु:खम् अर्जितानां च रक्षणे।
आये दु:खं व्यये दु:खं धिग् अर्था: कष्टसंश्रया:॥

धन के कमाने में दुःख है,
 कमाने के बाद धन के संरक्षण में दुःख है, आय में दुःख है,
 व्यय में दुःख है,
 कष्ट के आश्रय धन को धिक्कार हैं!

                                           _शिवा सारस्वत
                                           _शाश्वतानंद जयतु संस्कृत
अर्थानाम् अर्जने दु:खम् अर्जितानां च रक्षणे।
आये दु:खं व्यये दु:खं धिग् अर्था: कष्टसंश्रया:॥

धन के कमाने में दुःख है,
 कमाने के बाद धन के संरक्षण में दुःख है, आय में दुःख है,
 व्यय में दुःख है,
 कष्ट के आश्रय धन को धिक्कार हैं!

                                           _शिवा सारस्वत
                                           _शाश्वतानंद जयतु संस्कृत