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भोर का स्नेहिल स्पर्श, मन की प



















 भोर का स्नेहिल स्पर्श,
मन  की पलकों पे....
उजाले का पवित्र चुम्बन,
मन की पवित्रता में,
 *कृष्ण* के आत्मदर्शन,
उजियारा स्नेह बरसाता,
मन में  उठा संगीत का
मीठा सितार वंदन,


















 भोर का स्नेहिल स्पर्श,
मन  की पलकों पे....
उजाले का पवित्र चुम्बन,
मन की पवित्रता में,
 *कृष्ण* के आत्मदर्शन,
उजियारा स्नेह बरसाता,
मन में  उठा संगीत का
मीठा सितार वंदन,