भोर का स्नेहिल स्पर्श, मन की पलकों पे.... उजाले का पवित्र चुम्बन, मन की पवित्रता में, *कृष्ण* के आत्मदर्शन, उजियारा स्नेह बरसाता, मन में उठा संगीत का मीठा सितार वंदन,