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" सुक्रिया अदा कर की अभी जिंदा हो " रह गया मुँह फ़ा

" सुक्रिया अदा कर की अभी जिंदा हो "
रह गया मुँह फ़ारले
पड़ा रहा गया लेटैले।
       आँख फटा का फटा रह गया ,
       सांस थमी दाँत विदोरते रह गया।
कोई हगते रह गया ,कोई चलते गिर गया,
वक्त का तकाजा यह रहा कि ,
वह स्टेज पे भाषण देते रह गया।
                 ढकोसला यू हांकते रहा ,
                 मानो मौत से उसकी याराना है,
                 मौत आयी तो यूँ गरगराते रह गया।
पागलो हँस लो जमाना अपना समझ के ,
पर जमाना ले जाएगा तुझे ये नासमझ ।
             उसी कठघरे में ,मिटी देने राख बनाने,
            तेरी ही मैय्यत में पगला समझ के।।
टूटी खाट ,कमर,कमजोर हुई रीढ़ की हड्डी,
फिसल फिसल कर ,फितर फितर कर ,
झुकी हुई लाठी को खटर पटर कर ।
सफेद जुल्फे पकी दाढ़ी ,ठूठ सी 
पचके चिपके धंसे थोपड़ा लिए।
कर रहा तो बेसब्री से इंतजार मौत का।
    मौत के बाद तो वो खुद का मौत
    सशरीर देख सकता नही तो फिर ।
मौत के रंग में इतना अंतर होता क्यों ,
कहि क्षत विक्षत तन होता तो कही तन की हड्डी दिखता
औय बाबरे मन से मैल निकाल ,
हर सुबह कर ले तू सृष्टि रचता भजन।
नमन कर की तू अभी जिंदा हो,
सुबह तो सशरीर जिंदा हो।
          जिंदा हो तभी तुझे मौका है,
          सुक्रिया अदा कर की अभी जिंदा हो।

©R K Choudhary(T.E.I.E.S) सुक्रिया अदा कर की अभी जिंदा हो।

#Anhoni
" सुक्रिया अदा कर की अभी जिंदा हो "
रह गया मुँह फ़ारले
पड़ा रहा गया लेटैले।
       आँख फटा का फटा रह गया ,
       सांस थमी दाँत विदोरते रह गया।
कोई हगते रह गया ,कोई चलते गिर गया,
वक्त का तकाजा यह रहा कि ,
वह स्टेज पे भाषण देते रह गया।
                 ढकोसला यू हांकते रहा ,
                 मानो मौत से उसकी याराना है,
                 मौत आयी तो यूँ गरगराते रह गया।
पागलो हँस लो जमाना अपना समझ के ,
पर जमाना ले जाएगा तुझे ये नासमझ ।
             उसी कठघरे में ,मिटी देने राख बनाने,
            तेरी ही मैय्यत में पगला समझ के।।
टूटी खाट ,कमर,कमजोर हुई रीढ़ की हड्डी,
फिसल फिसल कर ,फितर फितर कर ,
झुकी हुई लाठी को खटर पटर कर ।
सफेद जुल्फे पकी दाढ़ी ,ठूठ सी 
पचके चिपके धंसे थोपड़ा लिए।
कर रहा तो बेसब्री से इंतजार मौत का।
    मौत के बाद तो वो खुद का मौत
    सशरीर देख सकता नही तो फिर ।
मौत के रंग में इतना अंतर होता क्यों ,
कहि क्षत विक्षत तन होता तो कही तन की हड्डी दिखता
औय बाबरे मन से मैल निकाल ,
हर सुबह कर ले तू सृष्टि रचता भजन।
नमन कर की तू अभी जिंदा हो,
सुबह तो सशरीर जिंदा हो।
          जिंदा हो तभी तुझे मौका है,
          सुक्रिया अदा कर की अभी जिंदा हो।

©R K Choudhary(T.E.I.E.S) सुक्रिया अदा कर की अभी जिंदा हो।

#Anhoni

सुक्रिया अदा कर की अभी जिंदा हो। #Anhoni #जानकारी