तेरे दिल के करीब तेरे दिल के करीब जो रहूं मैं कहने को फिर कुछ नहीं जो भी कुछ कहूं मैं है समंदर की तरह एक विशाल हृदय की कल्पना जो तुम नहीं तो कुछ नहीं हो तुम जो संग संग रहूं मैं कहने को फिर कुछ नहीं जो भी कुछ कहूं मैं