ज़िंदगी के इस रण में ख़ुद ही कृष्ण, ख़ुद ही अर्जुन बनना पड़ता है। रोज़ अपना ही सारथी बन, जीवन का महाभारत लड़ना पड़ता है। rhukna nahi jukna nahi