नज़रों के आगे यह सारा जाहान था, तेरे कदमों के नीचे खुला आसमान था। कहीं काँटों की झड़ी, कहीं जंगलों का पहाड़ था। तेरे कदमों के नीचे खुला आसमान था। हर चुनौती के लिए, तू भी तैयार था। तेरे कदमों के नीचे खुला आसमान था। मंज़िल को पाने वाला, तू ही तो राहगार था। वह हौसला तो, तुझमें हर बार था। तेरे कदमों के नीचे खुला आसमान था। #Hope