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तुम अनंत, सर्वज्ञ हो, मैं अजान, अनभिज्ञ, कण -कण

तुम अनंत, सर्वज्ञ हो, 
मैं अजान, अनभिज्ञ, 
कण -कण में तुम हो व्याप्त, 
तुम ही आदि औ 'अंत, 
तुम अक्षर, मैं हूँ नश्वर, 
मैं निःशब्द, तुम शब्द ||
सुधि मेरी भी कर हे ईश्वर !
रहूँ सदा मैं कृतज्ञ |
तुम सागर, मैं क्षुद्र नदी 
बहती इधर -उधर, 
तुम हो धीर -गंभीर प्रभु !
मैं उद्वेलित लहर, 
शांत करो मन को मेरे भी, 
सुन हे अजर, अमर !.....
."स्मृति ".. #nojoto #सुधि मेरी भी कर, हे ईश्वर !
तुम अनंत, सर्वज्ञ हो, 
मैं अजान, अनभिज्ञ, 
कण -कण में तुम हो व्याप्त, 
तुम ही आदि औ 'अंत, 
तुम अक्षर, मैं हूँ नश्वर, 
मैं निःशब्द, तुम शब्द ||
सुधि मेरी भी कर हे ईश्वर !
रहूँ सदा मैं कृतज्ञ |
तुम सागर, मैं क्षुद्र नदी 
बहती इधर -उधर, 
तुम हो धीर -गंभीर प्रभु !
मैं उद्वेलित लहर, 
शांत करो मन को मेरे भी, 
सुन हे अजर, अमर !.....
."स्मृति ".. #nojoto #सुधि मेरी भी कर, हे ईश्वर !

nojoto #सुधि मेरी भी कर, हे ईश्वर !