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!! कुटिल शुभचिंतक !! तुझे क्यूँ लगता है छल स

 !! कुटिल शुभचिंतक !!

तुझे  क्यूँ  लगता  है  छल से तेरे नावाक़िफ़ हूँ 
मान देता  हूँ सही,  रग-रग  से तेरे वाक़िफ़ हूँ 
तेरा ये  कहना  "जरूरत  पे  बताना  मुझको" 
एक जुमला है,  मैं फितरत से तेरी वाकिफ़ हूँ 

तेरी  कुटिलाई  तेरे   छल   और  परपंच  सभी 
भरेंगे   पाप  का   घड़ा   तेरा   कभी  न   कभी 
नट बड़ा है तू  रचता है  स्वांग  शाम-ओ-सहर 
धरेगा रूप कौन सा  मिला जो "काल" कभी?  #yqbaba #yqdidi #aestheticthoughts #life #philosophy #shayari
 !! कुटिल शुभचिंतक !!

तुझे  क्यूँ  लगता  है  छल से तेरे नावाक़िफ़ हूँ 
मान देता  हूँ सही,  रग-रग  से तेरे वाक़िफ़ हूँ 
तेरा ये  कहना  "जरूरत  पे  बताना  मुझको" 
एक जुमला है,  मैं फितरत से तेरी वाकिफ़ हूँ 

तेरी  कुटिलाई  तेरे   छल   और  परपंच  सभी 
भरेंगे   पाप  का   घड़ा   तेरा   कभी  न   कभी 
नट बड़ा है तू  रचता है  स्वांग  शाम-ओ-सहर 
धरेगा रूप कौन सा  मिला जो "काल" कभी?  #yqbaba #yqdidi #aestheticthoughts #life #philosophy #shayari