लिपटा हुआ है मेरे बदन से जहां बसंत जिंदगी में ही नहीं मेरी जिंदगी है बसंत मौसम उमंग का मेरे राग बसन्ती गाऊं सरसो फूलन की क्यारियों से उठा बसंत आज इक दिल होगा शाम फिर ओझल खबर मिलेगी हमें जिम्मेदार ठहरेगा बसंत कुदरत से मुहब्बत आप हो जाएगी हमें करिश्मा जब गुज़रेगा बनके सामने बसंत यारी गुलों की ज़रा अज़ीज होती जाएगी दिल में उतर आएगा हां धीरे धीरे बसंत बसंत spring #spring #seasons #moments #hope #passion4pearl #shahbazwrites #yqtales #yqdiary