ना वो रूठे थे ना हम नाराज़ थे पारा उनका चढ़ा था हम भी कम गुस्से में ना थे होगई दो दो बाते फिर क्या बढ़गये विवादें काश वो नाराज़ होते या हम रूठे होते तब मनाने की पहल हममे से कोई करता संभल जाती बात, होते हम साथ मानजाने की कोशिश कोई तो करता - 1OOrab . ©sourabh #दोस्तो गुस्सा कभी मात होना भले ही नाराज़ होजाइये ओर जल्दी मान भी जाइये।