बदले बदले से लगते हैं मिज़ाज अब उनके अब पहले वाली बात कहां रुत भी वही है , और मौसम भी पहले जैसे पर अब वो बात कहां यूं तो बहुत सारे वादे ,कसमें, लिए थे उन्होंने साथ बैठ कर वफा के वास्ते अब शायद उनमें भी वो वफाई कहां यूं तो ये तारीखें भी ना बदली , ना सातो वार पर कितना कुछ बदल गया , इस बार शायद उसी का असर हुआ होगा तुम पर भी तभी तो - बदले बदले से लगते हैं , मिज़ाज अब तुम्हारे, अब वो पहले वाली बात कहां और बात में भी वो पहले वाली बातें कहां? ✍️ KRISHNASHU. पहले वाली बात कहां?