बिकता है गम हुस्न के बाजार में, हजारों दर्द छुपे है इक छोटे से इंकार में, वो क्या समझेंगे प्यार के कशिश को, जिन्होंने फर्क ही नहीं समझा पसंद और प्यार में..v$ ©vibha $ingh #Katrina deep poetry in hindi poetry quotes poetry on love hindi poetry on life sad poetry...#v$