वादियां खो गई है, जाने कहाँ वो मंजर मेरा.. जिन्हें ढूंढता फिरता हूँ किसी वीरान सी वादियों में.. न ज़ाने क्यूँ एक चुभन सी दिल को तार - तार करता मानो एक अहँकार भरा खंज़र मेरा... अब यह वक़्त का आलम कहूँ या कहूँ मेरी बेपरवाही,. ख़त्म सा हो चला हैं हर आस अब मन के अंदर मेरा.. खो गई है, जाने कहाँ वो मंज़र मेरा.. #वादियां