ख़ुद को हँसाने की कोई वज़ह ढूँढ लो दिल बहलाने की कोई वज़ह ढूँढ लो। देखो सारा ज़माना नजर उठा के है बैठा नज़र से नज़र मिलाने की वज़ह ढूँढ लो। साथ लेकर इतना ग़म कहाँ-कहाँ जाओगे गमों के दरमियाँ वफा की वज़ह ढूँढ लो। मुझको देखो, हर हाल में मस्तमौला हूँ, तुम भी यूँ ही मुस्कुराने की वज़ह ढूँढ लो। न बेरहम ख़ुदा है, न बेसबब हालात मेरे, अब बस इन्हें मिटाने की वज़ह ढूँढ लो। कब तक ख़ुद को जिम्मेदार ठहराते रहें, अब तो कुछ वज़ह भी बेवज़ह ढूँढ लो। #shamaurtanhai #187 #365days365quotes #anam