निःशब्द हूँ, निस्तेज हूँ निराकार और निओज हूँ तपिस से बना पूंज आज फिर से अनलपूर्ण हुआ तेज से त्याग से, भारत माँ की आग से,आज परिपूर्ण हुआ उसका लाल है माटी का ओज देखो फिर से मिलन में कैसे पूर्ण हुआ।पुंज का पुंज से आवरण सहज न ये तेज होगा माँ की वेदी में सौ कर,वीरों ने किया निःशब्द एंव निस्तेज होगा ।। ©isha rajput #विपिनरावत #उत्तराखंड #India #RIP #Nojoto #Dil #SAD #Feeling