तेरा अक्स दिल के पन्नों पर छपा है इस कदर, जहाँ भी देखूँ तू ही तू आता है मुझको नज़र आईने में ख़ुद को देख रही हूँ मैं या तुझको, रही नहीं मुझको इस बात की भी कोई ख़बर तू ही तू छाया रहता है मेरे ज़हन में सदा, दिल मेरा धड़कता है तेरी ही वज़ह से हर लम्हा बेचैन रहते हैं हम तुझ बिन, तेरे दीदार को मेरे नैन हैं कितना तरसे मेरी आँखों की चमक और लबों की मुस्कान में, शामिल रहता है बस तू ही अब तो तुझसे कितनी मोहब्बत करते हैं हम, ये मालूम हो गया है अब तो सबको ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1100 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।