फ़रियाद मेरी कितनी सी फरियादें तो आज भी यूं ही मेरे सजदो में पड़ी है खुदा ही जाने, यह मेरे इम्तिहान की कौन सी घड़ी है दर्द से रिश्ता बहुत गहरा है मेरा तुम समझो तो यह बारिश है अगर मैं समझूं तो यह आसमा के आंसुओं की झड़ी है #फरियाद