तेरे लफ्जों सी मिश्री सुनाई देती जो अज़ान में मैं राह तकूं तेरी हर रोज दस्तरख्वान में। ©ADiL KHaN (शहज़ादा) अभी न कहीं घूमने का दिल नहीं है ख़ैर जाऊंगा कभी , बस हमसफर की तलाश पूरी हो। #RoadTrip