Kashmir दिल की धड़कन कह रही है चल ज़रा कश्मीर में क्या वही मंज़र है दिलकश जो दिख रहा तस्वीर में..!! हिंदू ,मुस्लिम,सिख,ईसाई, हम वतन हम एक हैं क्यों जहर फिर घोलते फिरते हो तुम तक़रीरे में..!! हमने सींचा है वतन खूने जिगर से दोस्तों क्यों समझ बैठे हो रहते हैं तेरी जागीर में..!! तुमको लगता है मिटा दोगे हमारी नस्ल को है सलाहुद्दीन की ताक़त अभी शमशीर में..!! क्या भला पाएंगे वह जो हैं अमादा ज़ुल्म पर कब तलक हम बंधे रहेंगे ज़ुल्म की ज़ंजीर में..!! ब-एवज़ इमां मुसलमां ज़र को दी तरजीह जब इस लिए लिख दी गई ज़िल्लत तेरी तक़दीर में..!! ज़ख्मी-ए-मुस्लिम पे लिल्लाह रहम कर दीजे हुजू़र है दुआं आसिफ हिंदुस्तानी की तहरीर में..!! Kashmir दिल की धड़कन कह रही है चल ज़रा कश्मीर में क्या वही मंज़र है दिलकश जो दिख रहा तस्वीर में..!! हिंदू ,मुस्लिम,सिख,ईसाई, हम वतन हम एक हैं क्यों जहर फिर घोलते फिरते हो तुम तक़रीरे में..!!