बरस रही अंबर से यू बूंदें तेरे मेरे प्यार की आ रही है धरती से खुशबू तेरे प्यार की ए बादल बरसना है तो इस कदर बरस प्यासी ना रहे धरा तेरे यार की चारों तरफ फैल जाए बस बंदे तेरे प्यार की रिमझिम रिमझिम बरसे बादल