_________________________ मेरी हक़ीक़त तुम हो क्या यकीन करोगे मेरी मोहब्बत तुम थे क्या यकीन करोगे तुम्हें देखते ही दिल का मचलना धड़कनों का जोरों से धड़कना क्या यकीन करोगे तुम्हारी गलियों में बेवज़ह हंसती मुस्कुराती लौटते आँखों में आँसू क्या यकीन करोगे कभी लगता था छोड़ दूँ उन गलियारों को पर दिल मानता नहीं था क्या यकीन करोगें तुम किसी के जुल्फों में गुम और हम किसी के जुल्फों में उलझे नहीं क्या यकीन करोगे कलतक तुम्हारी नजरों में Queen गवांर थी वही गवांर तुम्हें लिखती हैं क्या यकीन करोगे ।। ♥️ Challenge-680 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।