कुछ नासमझो के कारण हम ये जीती बाजी हार रहे , अब तक हालात पर काबू था,क्यों कीचड़ में कंकर मार रहे, ये धार्मिक पागलपन रोको ,मजहब का मत उपहास करो, ईश्वर स्वरूपी डॉक्टर की, हर बात का तुम विश्वास करो, कुछ लोगों की गलती का.. क्यों सबके सर इल्जाम लगें, जो अपराधी है समाज का, बस दोष उसी के नाम लगे, जो भीड़ जुटाकर फैलाया ,कैसे नुकसान सह पाओगे, यदि हाथ दुआ के बचे नहीं, कैसे अजान कर पाओगे, यदि अब भी नहीं गर समझें तो, बस यादों में रह जाओगे, खुद का जाना तो पक्का है, परिवार को भी ले जाओगे, पहला नियम सबसे दूरी.. साफ सफाई का ध्यान रहे, औरों की रक्षा करनी है, इस बात का हरदम मान रहे, जो बाहर सेवा में डटे हुए, उन पर बस इतना एहसान करो, पहले बहुत तुम कर चुके, अब और न कुछ नुकसान करो, घर पर रहकर सहयोग करो, यही देशप्रेम कहलाएगा..! यदि स्वयं सुरक्षित रह गए तो, ये देश सुरक्षित हो जाएगा..!! -------अमित #bandhan