“ दोस्त को नसीहत अकेले में क्या करों , और दोस्त की तारीफ महफ़िल में किया करों ” #Gazali!.. —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”