अलग-अलग कद काठी, अलग-अलग रूप है.. ईश्वर के हम सब बंदे, सबमें अलग ही नूर है.. अलग-अलग धर्म है, अलग-अलग ही कर्म है.. खाली तन आये खाली तन जाना है, फिर क्यों इतना गुरूर है.. #ईश्वर एक नाम अनेक #योरकोट_हिंदी