Nojoto: Largest Storytelling Platform

निगाहों में मंजिल थी, गिरे और गिर के सँभलते रहे।

निगाहों में मंजिल थी,
गिरे और गिर के सँभलते रहे।

हवाओं ने बहुत कोशिश की,
मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।

©Sk
  #निगाहों में मंजिल थी,
गिरे और गिर के सँभलते रहे।

हवाओं ने बहुत कोशिश की,
मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।
rashivmeena8038

Sk

Silver Star
Growing Creator

#निगाहों में मंजिल थी, गिरे और गिर के सँभलते रहे। हवाओं ने बहुत कोशिश की, मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।

135 Views