मेरा आशियाना, बंजर जमीन पे मिट्टी का मकान। तेरा आशियाना, शहर का सबसे कीमती मकान। बहुत फर्क है, हमारे किरदारों में। मेरी जान। अकाल, सूखा , धूप सब तो मांगे मैने अपने हिस्से है । तपन, लू, पिशाच से मेरी मुलाकात होती रहती है। शुक्र है, कि तू इन सब बालाओं से आजाद है। सिकन से, बाढ़ से, ताप से, तू आजाद है। तू पूछता है मेरे इतराने की वजह हरदम! सुनकर जवाब तू देखता है मुझे बार बार। तुझे कैसे एहसास होगा, बारिश क्या है? मिट्टी की खुशबू, बादलों की छाव क्या है? ©Ruksar Bano #banjar #NatureLove #nojotohindi #nojotoenglish #NojotoSahityaUtsav