दोस्ती/यारी यही मिलने का मौसम है कभी मिलने चले आओ। शहर, गलियाँ बे'रहम हैं कभी मिलने चले आओ। तुम्हें मालूम तो है किस तरह के जख़्म हैं मेरे, तुम्हारी शक्लें मरहम हैं कभी मिलने चले आओ। क्रिकेट से फ़िल्म और साथ उल्झे थे किताबों में, वही एहसास हरदम है कभी मिलने चले आओ। पैसा,परवरिश और शोहरतें,हाँ यारी से कमतर हैं, मेरी गर बात में दम है कभी मिलने चले आओ।। plz follow "mr.instaa93" on Instagram🙏 ©Ratnesh kr. #nojoto #dosti #yaari #friends #closefriends #CityEvening