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खुशबू बन बिखर रहा हूँ तेरे ख्यालो की आतिश से पि

खुशबू बन बिखर रहा हूँ
 
 तेरे ख्यालो की आतिश से पिघल रहा हूँ
 
 यू न देना कोई दोष अब मुझको
 
 मैं तेरे ताब में फिर बहक रहा हूँ,

©Dil galti kr baitha h
  खुशबू बन बिखर रहा हूँ
 
 तेरे ख्यालो की आतिश से पिघल रहा हूँ
 
 यू न देना कोई दोष अब मुझको
 
 मैं तेरे ताब में फिर बहक रहा हूँ,

खुशबू बन बिखर रहा हूँ तेरे ख्यालो की आतिश से पिघल रहा हूँ यू न देना कोई दोष अब मुझको मैं तेरे ताब में फिर बहक रहा हूँ, #Shayari

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