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यूँ तो खामोश हूँ मैं, पर सब समझती हूँ । दुनिया मुझ

यूँ तो खामोश हूँ मैं, पर सब समझती हूँ ।
दुनिया मुझे पीसती है और मैं पिसती हूँ ।।

जिम्मेदारियाँ सारी दुनिया की मुझ पर ।
घर गृहस्थी, दुनियादारी सभी मुझ पर ।।

मर्दों की फ़ितरत में है औरत पर हुकूमत ।
उसके साथ खड़ी दिखती जो ख़ुद भी है औरत ।।

जब तक औरतों में एकजुटता नहीं पनपेगी ।
तब तक हर औरत सारे सितम सहते दिखेगी ।।
 #AaveshVaani #aurat #mahila #female #javabdari #JanMannKiBaat #yqbaba #yqquotes
यूँ तो खामोश हूँ मैं, पर सब समझती हूँ ।
दुनिया मुझे पीसती है और मैं पिसती हूँ ।।

जिम्मेदारियाँ सारी दुनिया की मुझ पर ।
घर गृहस्थी, दुनियादारी सभी मुझ पर ।।

मर्दों की फ़ितरत में है औरत पर हुकूमत ।
उसके साथ खड़ी दिखती जो ख़ुद भी है औरत ।।

जब तक औरतों में एकजुटता नहीं पनपेगी ।
तब तक हर औरत सारे सितम सहते दिखेगी ।।
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