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उपमा देते हो इक नागिन की फिर कहते हमनें प्यार किया

उपमा देते हो इक नागिन की फिर कहते हमनें प्यार किया 
जरा यार अब हमको बताओ कि आखिर कैसा प्यार किया 
कल को थी जो सबसे विरली आज उसको नागिन कह डाला 
नहीं -मिली गर वो यदि तुमको तो फिर- नागिन बतला डाला 
जरा- बता दो हमको भी तुम यह कौन सा प्रेम निभाये हो ?? 
कल- तक जिसको जेहन बसाये अब को नागिन बतलाये हो.
प्रेम की जो भी हैं परिभाषायें  क्यों उलट उसी के आ बैठे ?? 
नहीं -समझ आता यह हमको कौन सोच साथ में  ला बैठे ?? 
जब- तक है इंसा साथ -तुम्हारे बस तब तक यारों अच्छा है...
ज्यों ही हुआ वो अलग तुम्हीं से त्यों ही वो बेहद -कड़वा है ....
नहीं -हुआ यह  प्रेम यार कोई ये तो इक -मात्र छलावा है...
जो करता नित ही बर्बाद जिंदगियाँ यारों ये वही दिखावा है 
गर जो होता तुम्हें  ज्ञान -प्रेम का तो ना ही ऐसी जुर्रत करते 
कल तक जिसकों जेहन बसाया आज उसको नागिन कहते
नहीं समझ आया ये भईया ,कि कौन सा तुमने प्यार किया 
कल तक जिसको पलकों बिठाया आज उसे गर्त में डाल दिया 
प्रेम -नहीं कभी बदला करता है हमनें बस इतना ही जाना है 
जिसकों किया है प्रेम ओ हमनें बस उसको अपना माना है
तरह -तरह की उपमा वालों इक- बात मेरी तुम सुन लेना 
गर मिले तुम्हें जो फुरसत थोड़ी भी तो अंतर्मन को सुन लेना
गर फिर भी सच तुम जान सको ना तो थोड़ा स्वयं पे विचार करो 
कहता हूँ मैं बस केवल इतना न प्रेम को  यूँ बदनाम करो

©ANOOP PANDEY
  #नागिन😳
Sweety mehta ख़्वाहिश सिंह "ख़्वाब"... Richa Mishra Anshu writer Mahi