भविष्य को संवारने वाला बजट शीर्षक सहयोग दो लेख में जीएन वाजपेई का यह कहना था स्वर्ग उचित है कि बजट का वास्तविक आंकलन तभी किया जा सकता है जब उसे खाटी राजनीतिक दृष्टि से बचाया समग्रता में देखा जाए इसी तरह किसी भी केंद्र या राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट को तभी अच्छा माना जा सकता है जब तक वह देश और प्रदेश को सुंदर और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा की ओर ले जाने को स्वतंत्र के बाद अधिकांश लोग बाबू को योजनाओं और आकर सेनाओं के साथ व्यक्तिगत रूप से तात्कालिक लाभ प्रदान करने वाले वैश्विक बजट प्रस्तुत किए जा रहे हैं यदि आपने राजनीतिक इच्छा से ऊपर उठकर देश के भविष्य को शुद्ध करने वाला वार्षिक बजट प्रस्तुत किया जाए तो पढ़ पूर्व मानव संसाधन से युक्त प्राकृतिक संपदा से समृद्ध भारत आज दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित होता है आज यह देखने और समझने में बहुत सुखद लगा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उसे सब समय जब सहित देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हो तब लोग भावनाओं से परे हटकर देश के भविष्य को सिद्ध करने वाला बजट प्रस्तुत किया गया है यदि बजट का 6% देश की शिक्षा को छोड़ने की सीमा को याद बनाए रखना है लेकिन किसी भी देश के लिए सभी पक्षों को संतुष्ट करना संभव नहीं ©Ek villain #भारत को सक्षम बनाने वाला बजट #roseday