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आज कहते है वो मूझे भूल जाओ हमें, भूल जाओ तूम्हारी

आज कहते है वो मूझे भूल जाओ हमें,
भूल जाओ तूम्हारी जिंदगी कि किताब में मेरे नाम का जिक्र भी था।
क्या वो अंजान है?
कि आज भी उनके करीब से गूजरी हवांए महसूस होती है मूझे ।
जूबान पर वो नाम आ ही‌ जाता है,
हां बेशक खूली हवाओं में नहीं लेकिन ऐसा जो कहीं मूझमें समा जाता है।
एहसास अब भी है उनके हर एक बिखरे हूए वक़्त का,
लेकिन मह़ज वो रुह में है,जिस्म से कभी दिख नहीं पाया।
यकिन मानों हर एक मनसूबें आजमा लिए और नाकाम कोशिश भी कर ली उनके करीब रहने के,
लेकिन ना जाने क्यों आज भी सहमें से है उनसे बिछड़ जाने के ख्वाब से।
माना उनका यूं पेश आना भी लाज़मी था ,उनकी भी कूछ ख्वाहिश है,
लेकिन क्या पल भर में यूं पराया कह‌ देना भी उनका सही था?
आज‌ भी वो अपने आप को बेकसूर समझते है और बेशक है भी,
लेकिन क्या उनका यूं साथ छोड़ जाना‌ जरुरी था? #क्या जरुरी था? #hindiwriting #circleoflife #hands_on_hands #yqbaba #yqhindi #yqdidi #yqdada
आज कहते है वो मूझे भूल जाओ हमें,
भूल जाओ तूम्हारी जिंदगी कि किताब में मेरे नाम का जिक्र भी था।
क्या वो अंजान है?
कि आज भी उनके करीब से गूजरी हवांए महसूस होती है मूझे ।
जूबान पर वो नाम आ ही‌ जाता है,
हां बेशक खूली हवाओं में नहीं लेकिन ऐसा जो कहीं मूझमें समा जाता है।
एहसास अब भी है उनके हर एक बिखरे हूए वक़्त का,
लेकिन मह़ज वो रुह में है,जिस्म से कभी दिख नहीं पाया।
यकिन मानों हर एक मनसूबें आजमा लिए और नाकाम कोशिश भी कर ली उनके करीब रहने के,
लेकिन ना जाने क्यों आज भी सहमें से है उनसे बिछड़ जाने के ख्वाब से।
माना उनका यूं पेश आना भी लाज़मी था ,उनकी भी कूछ ख्वाहिश है,
लेकिन क्या पल भर में यूं पराया कह‌ देना भी उनका सही था?
आज‌ भी वो अपने आप को बेकसूर समझते है और बेशक है भी,
लेकिन क्या उनका यूं साथ छोड़ जाना‌ जरुरी था? #क्या जरुरी था? #hindiwriting #circleoflife #hands_on_hands #yqbaba #yqhindi #yqdidi #yqdada