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"विवाह की रस्में" अंक-3 भाग-"क" नकुल -आप चेंज कर

"विवाह की रस्में"
अंक-3 भाग-"क"

नकुल -आप चेंज कर लीजिए इतने भारी कपड़ो ओर ,
गहनों में आपका दम घुटता जा रहा होगा।
मुझे कुछ काम है मैं आता हूं,
नकुल की इतनी परवाह करना मुझे बेहद सुकून दे रहा था,,,
जैसे सुखी धरती पर तेज बारिश बरस आयी हो,
मैने चेंज किया पर मैं नकुल के ख्यालो में ही खोई थी ,
और मन ही मन अपने आप को बहुत खुशकिस्मत
 मान रही थी कि मुझे नकुल मिले,
वरना इतनी रस्मे थकान और अनजान घर और 
अनजान लोगों में लड़किया बिना साथ के कैसे रह पाती होंगी,
नकुल आ गए।
वो मेरे पास आये और पूछा,अब आपका सर दर्द कैसा है,
,,,जी अब ठीक हूँ।
नकुल -बिल्कुल ठीक हो गया,
,,,जी
नकुल -एक बात कहूँ,
,,,,कहिये
नकुल -वो सिर दर्द की नही पेट दर्द की दवा थी।
हम दोनों ही जोर से हँस पड़ते हैं
, और ताली बजाने के लिए दोनों के हाथ अपने आप उठते हैं,,
ओर जैसे ही ताली बजती है दोनों की नज़रे मिल जाती हैं
इन नजरों में बेहद प्यार था जो ज़िन्दगी के हर मोड़ पर 
साथ निभाने का वादा कर रहा था,। "विवाह की रस्में"
अंक-3 भाग-"क"

नकुल -आप चेंज कर लीजिए इतने भारी कपड़ो ओर ,
गहनों में आपका दम घुटता जा रहा होगा।
मुझे कुछ काम है मैं आता हूं,
नकुल की इतनी परवाह करना मुझे बेहद सुकून दे रहा था,,,
जैसे सुखी धरती पर तेज बारिश बरस आयी हो,
"विवाह की रस्में"
अंक-3 भाग-"क"

नकुल -आप चेंज कर लीजिए इतने भारी कपड़ो ओर ,
गहनों में आपका दम घुटता जा रहा होगा।
मुझे कुछ काम है मैं आता हूं,
नकुल की इतनी परवाह करना मुझे बेहद सुकून दे रहा था,,,
जैसे सुखी धरती पर तेज बारिश बरस आयी हो,
मैने चेंज किया पर मैं नकुल के ख्यालो में ही खोई थी ,
और मन ही मन अपने आप को बहुत खुशकिस्मत
 मान रही थी कि मुझे नकुल मिले,
वरना इतनी रस्मे थकान और अनजान घर और 
अनजान लोगों में लड़किया बिना साथ के कैसे रह पाती होंगी,
नकुल आ गए।
वो मेरे पास आये और पूछा,अब आपका सर दर्द कैसा है,
,,,जी अब ठीक हूँ।
नकुल -बिल्कुल ठीक हो गया,
,,,जी
नकुल -एक बात कहूँ,
,,,,कहिये
नकुल -वो सिर दर्द की नही पेट दर्द की दवा थी।
हम दोनों ही जोर से हँस पड़ते हैं
, और ताली बजाने के लिए दोनों के हाथ अपने आप उठते हैं,,
ओर जैसे ही ताली बजती है दोनों की नज़रे मिल जाती हैं
इन नजरों में बेहद प्यार था जो ज़िन्दगी के हर मोड़ पर 
साथ निभाने का वादा कर रहा था,। "विवाह की रस्में"
अंक-3 भाग-"क"

नकुल -आप चेंज कर लीजिए इतने भारी कपड़ो ओर ,
गहनों में आपका दम घुटता जा रहा होगा।
मुझे कुछ काम है मैं आता हूं,
नकुल की इतनी परवाह करना मुझे बेहद सुकून दे रहा था,,,
जैसे सुखी धरती पर तेज बारिश बरस आयी हो,

"विवाह की रस्में" अंक-3 भाग-"क" नकुल -आप चेंज कर लीजिए इतने भारी कपड़ो ओर , गहनों में आपका दम घुटता जा रहा होगा। मुझे कुछ काम है मैं आता हूं, नकुल की इतनी परवाह करना मुझे बेहद सुकून दे रहा था,,, जैसे सुखी धरती पर तेज बारिश बरस आयी हो, #bolteshabddimika