भई वो वाकया पुरानी थी,एक ताजी वाकया ये थी कि हाल ही में एक जींस अपनी शहीद हो गयी और हम उसे उसके फटे भाग को ओरों से बाकायदा छूपाते दिख रहे थे,ये गुनगुनाते हुए छुपाना भी नहीं आता,बताना भी नहीं आता।खैर इस गाने को तो मेरे एक मित्र ने पूरा कर दिया ये कहते हुए वाऊ कहाँ से खरीदे क्या कूल लूक है यार,तो अपने को भी गर्व महसूस होना ही था। तो अब संभवतः स्पष्ट हो ही गया होगा इन दोनों संस्मरणों से कि पहले कुछ भी पहना जाता था तन ढँकने के लिए और आज पहना जा रहा है तन दिखाने के लिए। भई आज की ट्रेण्डींग लूक के क्या कहने आज कुछ भी पहनने का मूल उद्देश्य सा हो गया है कुछ भी पहनो मगर दिखना जरूरी है ये एक फैशन ट्रैण्डींग वाले पहनावे की बात हुई। ©Bharat Bhushan pathak #पोशाक भाग-३