देखो संभल गया हूं भले नादान हूँ समझ नहीँ है भले बुरे की मुझमेँ फिर भी समझदार हूँ , आवाजें आज भी आती है सुकुनों वाली मगर कहानी देखो बदल गया हूँ खुद से यही कहता हूं मैं संभल गया हूँ #देखो