ज़ालिम लोग समाज के, न काम के न काज के
न करे कोई रहम और न रही किसी में शरम
दुनियाँ घुटने टेकती है आगे,मिज़ाज़ जिनका हैं गरम
गर अंधा तुझें बनना नहीं,कर ले प्रकाशित तू करम
आ धर ले पैर तू जंगल में,शामिल हो जा दंगल में
मंगल कर तेरा अखाड़े में,लताड़ेंगे,पछाटेंगे,पछाड़ेंगे #Hunt#ambar#Mool