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प्रकृति के तीन कड़वे नियम, जो सत्य है !!! 1. प्रकृ

प्रकृति के तीन कड़वे नियम, जो सत्य है !!!
1. प्रकृति का पहला नियम : यदि खेत में बीज
न डालें जाएं, तो कुदरत उसे घास-फूस से
भर देती है !! ठीक उसी तरह से दिमाग में अगर
सकारात्मक विचार न भरे जाएँ, तो नकारात्मक
विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं !!
2. प्रकृति का दूसरा नियम : जिसके पास जो
होता है, वह वही बांटता है ! सुखी सुख बांटता
है !! दुःखी दुःख बांटता है !! ज्ञानी ज्ञान बांटता
!! भ्रमित भ्रम बांटता है !! भयभीत भय
बांटता हैं !!
3. प्रकृति का तीसरा नियम : आपको जीवन
में जो भी मिले, उसे पचाना सीखो क्योंकि --
भोजन न पचने पर, रोग बढ़ते हैं- पैसा न पचने
पर, दिखावा बढ़ता है: बात न पचने पर, चुगली
बढ़ती है प्रशंसा न पचने पर, अंहकार बढ़ता है -
निंदा न पचने पर, दुश्मनी बढ़ती है राज़ न पचने
पर, खतरा बढ़ता है: दुःख न पचने पर, निराशा
बढ़ती है: सुख न पचने पर, पाप बढ़ता हैं। यही
जीवन के सत्य हैं।

©KhaultiSyahi #prakriti 
#Nature 
#Rules 
#Life 
#khaultisyahi
#follow4follow 
#like4like 
#satyamshivamsundaram
प्रकृति के तीन कड़वे नियम, जो सत्य है !!!
1. प्रकृति का पहला नियम : यदि खेत में बीज
न डालें जाएं, तो कुदरत उसे घास-फूस से
भर देती है !! ठीक उसी तरह से दिमाग में अगर
सकारात्मक विचार न भरे जाएँ, तो नकारात्मक
विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं !!
2. प्रकृति का दूसरा नियम : जिसके पास जो
होता है, वह वही बांटता है ! सुखी सुख बांटता
है !! दुःखी दुःख बांटता है !! ज्ञानी ज्ञान बांटता
!! भ्रमित भ्रम बांटता है !! भयभीत भय
बांटता हैं !!
3. प्रकृति का तीसरा नियम : आपको जीवन
में जो भी मिले, उसे पचाना सीखो क्योंकि --
भोजन न पचने पर, रोग बढ़ते हैं- पैसा न पचने
पर, दिखावा बढ़ता है: बात न पचने पर, चुगली
बढ़ती है प्रशंसा न पचने पर, अंहकार बढ़ता है -
निंदा न पचने पर, दुश्मनी बढ़ती है राज़ न पचने
पर, खतरा बढ़ता है: दुःख न पचने पर, निराशा
बढ़ती है: सुख न पचने पर, पाप बढ़ता हैं। यही
जीवन के सत्य हैं।

©KhaultiSyahi #prakriti 
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#Rules 
#Life 
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sallyraand9713

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