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तुम याद आ जाते हो, रोकते हो मेरा रस्ता, आखिर क्य

तुम याद आ जाते हो,
 रोकते हो मेरा रस्ता,
 आखिर क्यों?
 मैंने तो तुम्हे,
ऐसा अधिकार नहीं दिया,
 किसी बंधन का!
 फिर क्यों? 
क्यों लगता है तुम्हे,
 दिशाएं कठिन होगी, 
शोर गहन होगा,
 मंजिल बेखबर होगी,
 धुंधला रास्ता होगा। 
मैं अकेले नहीं चल पाऊंगी ।

©Ruksar Bano #अकेले_राह_मे_चलना
तुम याद आ जाते हो,
 रोकते हो मेरा रस्ता,
 आखिर क्यों?
 मैंने तो तुम्हे,
ऐसा अधिकार नहीं दिया,
 किसी बंधन का!
 फिर क्यों? 
क्यों लगता है तुम्हे,
 दिशाएं कठिन होगी, 
शोर गहन होगा,
 मंजिल बेखबर होगी,
 धुंधला रास्ता होगा। 
मैं अकेले नहीं चल पाऊंगी ।

©Ruksar Bano #अकेले_राह_मे_चलना