कभी आओ तुम मेरे पहलू में तो बताएं हम तुम्हें हाल–ए–दिल की दास्तां सुनाएं हम तुम्हें काटी हैं तन्हाई की रातें कैसे बिन तेरे अकेले हर उस रात में दिल की तड़प दिखाएं हम तुम्हें काश! आप समझ पाते हमारे दिल की तड़प को तो यूँ हमें तन्हा ज़िंदगी ना काटना पड़ता तेरी बेरूखी बेवफ़ाई भी थी हमें मंज़ूर बस एक बार हमारा हाल–ए–दिल समझ लिया होता ♥️ Challenge-768 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।