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समंदर न होता तो, कश्ती न होती। ये लहरों की खिलखि

समंदर न होता तो, 
कश्ती न होती। 
ये लहरों की खिलखिलाती, 
मस्ती न होती। 
हम मिल गये लोगों को जरुरत से पहले, 
वरना  कीमत हमारी  यूँ, 
सस्ती न होती । reality of life with Ashu kavi
समंदर न होता तो, 
कश्ती न होती। 
ये लहरों की खिलखिलाती, 
मस्ती न होती। 
हम मिल गये लोगों को जरुरत से पहले, 
वरना  कीमत हमारी  यूँ, 
सस्ती न होती । reality of life with Ashu kavi

reality of life with Ashu kavi