समंदर न होता तो, कश्ती न होती। ये लहरों की खिलखिलाती, मस्ती न होती। हम मिल गये लोगों को जरुरत से पहले, वरना कीमत हमारी यूँ, सस्ती न होती । reality of life with Ashu kavi