तेरी अपनी और मेरी किराये वाली छत •••••याद है ना तुझे... जयेष्ठ वाली रातो को तेरा चटाई पर सरक कर.... तेरा मुझ तक पहुँच जाना... पहले उँगली फ़िर हाथ; फ़िर मुँह को छूना... फ़िर सीने पर सिर रख तेरा मेरी धड़कनो को सुनना फ़िर ऐसे ही आँख झपकाना; फ़िर आँखे मूँदे सपनो मे खो जाना.... तेरे सोते ही मेरा ड़र से सामना फ़िर नींदो का उड़ जाना तेरी झुल्फो की आड़ से घंटो आसमान पर तो कभी दाएँ बाएँ नजरे दौड़ाना... देखते देखते बादलो को काजल छोड़ सागर की नीले मोतियो से श्रृंगार करना हार जाने को तैयार सिकंदर भी उस आसमान की नीलीमा मे तेरी लालिमा देख फ़िर तो जरुरी था जो वो मेरी नीयत का बदल जाना रखा था कायम मैने विश्वास और फ़िर तेरे माथे को को सहला कर चूम जाना फ़िर तेरी ही चुन्नी से तेरा वो बदन का ढ़क कर चले जाना हैरत मे फ़िर तेरा उठ कर मेरे तकिये को अपने सिरहाने पाना.... याद तो होगा न तुझे तेरा सबसे पहले वाला मैं यार पुराना ... _KumarMausam छत पर डर वाला प्यार......#KaviKumarMausam #KumarMausam #awarashayar