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उसकी आंखों में पढ़ा था मैंने वो जो कभी कह न पाई नि

उसकी आंखों में पढ़ा था मैंने
वो जो कभी कह न पाई
निगाहों से हर बार जताया
कभी न जुबां तक लाई
उसके दिल में ही दबे रह गए
 आंसू बनकर बह गए
उसके वो जज़्बात
बात कोई फिर हो न पाई
फिर कभी वो नज़र न आई
खामोशी से कहा बहुत कुछ
मोहब्बत न लफ्जों में जताई 
उसकी आंखों में पढ़ा था मैंने
वो जो कभी कह न पाई
निगाहों से हर बार जताया
कभी न जुबां तक लाई

©Prashant #Ankhon
उसकी आंखों में पढ़ा था मैंने
वो जो कभी कह न पाई
निगाहों से हर बार जताया
कभी न जुबां तक लाई
उसके दिल में ही दबे रह गए
 आंसू बनकर बह गए
उसके वो जज़्बात
बात कोई फिर हो न पाई
फिर कभी वो नज़र न आई
खामोशी से कहा बहुत कुछ
मोहब्बत न लफ्जों में जताई 
उसकी आंखों में पढ़ा था मैंने
वो जो कभी कह न पाई
निगाहों से हर बार जताया
कभी न जुबां तक लाई

©Prashant #Ankhon
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