थोड़ा अँधेरा थोड़े समय के लिए सह तो लिए ज्यादा हुआ तो सोचना पड़ा ! थोड़ी प्यास ठंडे पानी की आस में आगे चल तो दिये गला सूखा तो सोचना पड़ा ! थोड़ी गलती नजरअंदाज करते रहे सहन करते रहे हौसला हद से आगे बढ़ा तो सोचना पड़ा ! जब अँधेरा गहरा गया तो सोचना पड़ा, रौशनी को। #सोचनापड़ा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi