शोख हवाओं ने सोख रखी है खुशबू, आती है बनके झोंके मगर, दिल दूं झोंके उसपे मैं, मौका न देती आये नजर। प्रेमी है दिल का आना, चाहे जो वो बस नजराना, छोड़ नजर आना वो चुका है, छिड़कें अनदेखी जां जिसपर। दिल जो टूटे सीने में, टूट मुहब्बत जीने में- संग-संग करते,साथ ही गायब, दिल भी न बिखरे छककर। -----कलम सरोज रंजन की ©BANDHETIYA OFFICIAL प्रेम और प्रेमी ! #Life