क्या बचा है मेरा, मकां ख़ाक होने के बाद। और तुम आये मेरा, जहां राख होने के बाद।। आतिश लगाई किसने ये तो मालूम तुम्हें भी था , मालूम तो हमें अब हुआ तुम्हारा इख्लास खोने के बाद।। - Yogesh Sharma मेरा जहां राख होने के बाद