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तुम मेरे कितने अपने हो वो इस बात पे निर्भर करता ह

तुम मेरे कितने अपने हो 
वो इस बात पे निर्भर करता है
की जब हम दोनो में कुछ बिगड़ता है 
तो तुम भरोसा मुझपर करोगे
या तुम्हारे मन में शक घर पहले करता है...
शक भी तुम्हारा हम दूर कर देंगे 
पर तुम सवाल कर रहे हो या इल्जाम लगा रहे हो
शक खत्म करना इस बात पे निर्भर करता है....
क्यों की तुम मुझसे सवाल करोगे
तो जवाब तुम्हें में दूंगी जरूर....
पर इल्ज़ाम लगाने आए हो
तो इल्जाम अपने सर पर लेकर मैं तुमसे दूरी वैसे ही बना लूंगी....
और चिंता मत करना मैं फिर भी तुम्हारी खुशियों की ही रब से दुआ करूंगी....
वापस लौट के तुम आना चाहोगे तो मैं ही हाथ पहले आगे बढ़ा दूंगी 
पर तुम कैसे लौट के आते हो, इस बात पे निर्भर करता है,
मेरा दिल टूटता बहुत है
पर दोस्ती निभाने से कभी ना मुकरता है...
और वादा है तुम्हें कभी नही मैं आगे भी दगा दूंगी...
पर अगर तुम फिर से इल्जाम लगाने आओगे
तो मैं खुशी खुशी तुमसे दूर रहना ही चाहूंगी...
और तुम्हे भी दूर रहने की ही मुस्कुरा के सलाह दूंगी
दूर से भी मैं कभी तुम्हारा बुरा ना चाहूंगी
मैं दोस्त रहूंगी तुम्हारी और 
तुम खुश रहो यही हमेशा मैं दुआ दूंगी..... इस बात पे निर्भर करता है...
For those who believes in frndship with me i will believe with them 100 times more they know that, but who can believe in other things before believing in our frndship i will be more than happy to say goodbye to them anyway without saying or explaining a single word to them......
#mywritingmywords #mywritingmythought #mywritingmymotivation #truefriendshipgoals
#निर्भर #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
तुम मेरे कितने अपने हो 
वो इस बात पे निर्भर करता है
की जब हम दोनो में कुछ बिगड़ता है 
तो तुम भरोसा मुझपर करोगे
या तुम्हारे मन में शक घर पहले करता है...
शक भी तुम्हारा हम दूर कर देंगे 
पर तुम सवाल कर रहे हो या इल्जाम लगा रहे हो
शक खत्म करना इस बात पे निर्भर करता है....
क्यों की तुम मुझसे सवाल करोगे
तो जवाब तुम्हें में दूंगी जरूर....
पर इल्ज़ाम लगाने आए हो
तो इल्जाम अपने सर पर लेकर मैं तुमसे दूरी वैसे ही बना लूंगी....
और चिंता मत करना मैं फिर भी तुम्हारी खुशियों की ही रब से दुआ करूंगी....
वापस लौट के तुम आना चाहोगे तो मैं ही हाथ पहले आगे बढ़ा दूंगी 
पर तुम कैसे लौट के आते हो, इस बात पे निर्भर करता है,
मेरा दिल टूटता बहुत है
पर दोस्ती निभाने से कभी ना मुकरता है...
और वादा है तुम्हें कभी नही मैं आगे भी दगा दूंगी...
पर अगर तुम फिर से इल्जाम लगाने आओगे
तो मैं खुशी खुशी तुमसे दूर रहना ही चाहूंगी...
और तुम्हे भी दूर रहने की ही मुस्कुरा के सलाह दूंगी
दूर से भी मैं कभी तुम्हारा बुरा ना चाहूंगी
मैं दोस्त रहूंगी तुम्हारी और 
तुम खुश रहो यही हमेशा मैं दुआ दूंगी..... इस बात पे निर्भर करता है...
For those who believes in frndship with me i will believe with them 100 times more they know that, but who can believe in other things before believing in our frndship i will be more than happy to say goodbye to them anyway without saying or explaining a single word to them......
#mywritingmywords #mywritingmythought #mywritingmymotivation #truefriendshipgoals
#निर्भर #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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seemasharma7192

Seema Sharma

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