हो गया है प्यार तो क़बूल करने में बोलो होगी क्यूँ अब झिझक कैसी कह भी दो जो कहना है मेरी जाँ बात कहने में इतनी हिचक कैसी तेरी मेरी प्रेम कहानी होगी विशेष तोड़ेगी वे परम्पराएँ जो हैं मिथक जैसी! युगों से परिणाम तक नहीं पहुँची प्रेम कहानियाँ अपनी न होगी विगत जैसी हो गया है प्यार तो क़बूल करने में बोलो होगी क्यूँ अब झिझक कैसी ♥️ Challenge-906 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।