ना इसका है ना उसका है ना तेरा है ना मेरा है, आजकी दुनियाँ का अंदाज़ ढलता सा सवेरा है। जिन महफिलों मैं हमारी कभी हुजूम बसता था, अब कबज़ा कर बैठा वहाँ सन्नाटा है अंधेरा है। दो हिदायतें क्या दी हमने लोगों को बदलने की, कि सुनने को मुझे, मेरे पास बचा बस आइना वो मेरा है।। हमने भी पूछना बंद कर दिया वरना बेमतलब वो इतराएंगे, आज अकेले ही इस मैखाने का हम जमकर लुत्फ उठाएंगे। सुना है दिवारों के भी कान होते हैं बुजुर्गों से, आज औकात सबकी हम इन्हें बता के जाएंगे।। कुछ बदलना है तो आवाज़ों का निखरना भी ज़रूरी है, किताबों के पन्नों का थोड़ा बिखरना भी ज़रूरी है। खामोश रहें गलतियों पर भी नहीं अंदाज ये मेरा है, कोई गिला नहीं जो अब कबज़ा कर बैठा वहाँ सन्नाटा है अंधेरा है, कोई शिकवा नहीं जो सुनने को मुझे, मेरे पास बचा बस आइना वो मेरा है।। #shaayavita #sannata #duniyaan #hidayat #nojoto