छोड दो आंकना उसे जमाने से आखिर नन्हा फूल है वो तुम्हारे आंगन का है इतनें मजबूत नहीं उसके कंधे कि उठा सके बौझ तुम्हारी झूठी शान शौकत का करती है वो बहुत प्यार अपने सपनों से पर जान केवल तुम्ही पर देती है समझौता कर लेगी वो अपनी सारी खुशियों से आखिर सम्मान जो तुम्हारा करती है a msg for every daughter's parents